भिवानी | हरियाणा की नीतू घंघास (Neetu Ghanghas) ने महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप का फाइनल जीत लिया है. उन्होंने 48 किग्रा भार वर्ग में मंगोलिया की लुत्साइखाली को हराकर स्वर्ण पदक जीता है. उन्होंने मंगोलियाई मुक्केबाज को 5- 0 से हराया. इस खिताब के बाद नीतू यह चैंपियनशिप जीतने वाली छठी खिलाड़ी बन गई हैं. एक समय था जब वह चैंपियनशिप छोड़ना चाहती थी. मगर उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा, अब फाइनल जीतकर हरियाणा व देश का नाम रोशन किया है. आइए आज हम आपको बताते हैं कौन हैं नीतू घंघास…
टॉप बॉक्सर की कैटेगरी में नीतू
नीतू ने इससे पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलोग्राम भारवर्ग में गोल्ड जीता था. छह बार की चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर एल (2006), लेखा केसी (2006) और निकहत जरीन (2022) अन्य मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब जीते हैं. पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में नीतू बल्किबोवा से हार गई थीं. उन्होंने इस बार अपना बदला ले लिया.
2012 में की थी करियर की शुरूआत
नीतू ने अपने करियर की शुरुआत साल 2012 में की थी. वह हरियाणा के भिवानी के धनाना गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता जय भगवान विधानसभा में बिल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं. नीतू एक सामान्य परिवार से आती हैं. पहले 2 साल तक वह कोई मेडल नहीं जीत सकीं. इसके बाद, वह मायूसी से भर गई. कई बार उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ने के बारे में भी सोचा.
कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता गोल्ड
उनके पिता ने उनका हौसला बढ़ाया. उन्होंने बताया कि जीवन में उतार- चढ़ाव आते रहते हैं. इसके बाद, नीतू ने दोबारा खेलना शुरू किया और वापसी की. उन्होंने साल 2022 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. अब उन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है.
मैरी कॉम को भी हराया था
नीतू ने एक मैच में एमसी मैरीकॉम को हराया है. कॉमनवेल्थ गेम्स के सेमीफाइनल के पहले राउंड में छह बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरी कॉम को नीतू ने बाहर कर दिया था. घुटने की चोट के कारण उन्हें टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था. नीतू के मुक्कों को मिनी क्यूबा के नाम से जाना जाता है.
ये है पारिवारिक इतिहास
21 वर्षीय मुक्केबाज नीतू घनघास का जन्म 19 अक्टूबर 2000 को हरियाणा के भिवानी के धनाना गांव में एक जाट जाति के परिवार में हुआ था. उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई हरियाणा के भिवानी शहर में स्थित चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, हरियाणा से की. नीतू के पिता का नाम जय भगवान है, वे हरियाणा विधान सभा में बिल मेनेजर का काम करते हैं. वहीं, उनकी मां का नाम मुकेश देवी है. भाई का नाम अक्षित कुमार है. नीतू के दादा और दादी का नाम मंगाराम और प्रेम देवी है. पिता जय भगवान हरियाणा चंडीगढ़ सचिवालय में काम करते थे. उनका कहना है कि परिवार का खर्च चलाने के लिए उनके पिता को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से पैसे उधार लेने पड़ते थे.